शिमला, 11 मई। हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में नवगठित और अपग्रेड हुए स्थानीय निकायों (यूएलबी) के अंतर्गत आने वाले लोगों को वित्तीय राहत देने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। एक सरकारी प्रवक्ता ने रविवार को जानकारी दी कि इन क्षेत्रों में अगले तीन वर्षों तक जल आपूर्ति की दरें ग्रामीण दरों के अनुसार ही लागू रहेंगी। जल शुल्क में राहत के साथ-साथ संपत्ति कर में भी छूट दी गई है ताकि लोगों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। इस कदम से प्रदेश के 47,820 उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा।
प्रवक्ता ने बताया कि प्रशासनिक पुनर्गठन के तहत राज्य में 14 नई नगर पंचायतें गठित की गई हैं। इनमें संधोल, धर्मपुर, बलद्वाड़ा, बनीखेत, खुंडियां, कोटला, नगरोटा सूरियां, कुनिहार, झण्डूता, स्वारघाट, बड़सर, भराड़ी, बंगाणा और शिलाई शामिल हैं। इसके अतिरिक्त हमीरपुर, ऊना और बद्दी को नगर निगम का दर्जा दिया गया है, जबकि नादौन और बैजनाथ-पपरोला को नगर परिषद बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि यह निर्णय शहरी निकायों के पुनर्गठन के कारण यहां रहने वाले लोगों पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ से राहत प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है। इससे शहरी निकायों के पुनर्गठन के दौरान इन क्षेत्रों में शामिल होने वाले लोगों का जीवन स्तर प्रभावित नहीं होगा। पानी की दरों में रियायत और संपत्ति कर में छूट से इन क्षेत्रों के निवासी बिना किसी अतिरिक्त आर्थिक दबाव के जीवनयापन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से न केवल लोगों को राहत मिलेगी बल्कि इन्हें बेहतर बुनियादी सुविधाएं भी सुनिश्चित होंगी।