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डीजीपी संजय कुंडू और डीसी राघव शर्मा देश के 22 बेहतरीन ब्यूरोक्रेट्स में शामिल

Himgiri Samachar:

शिमला, 26 जनवरी। हिमाचल प्रदेश के दो अफसरों ने अपनी काबलियत का लोहा मनवाते हुए देश के  बेहतरीन 22 नौकरशाहों में अपनी जगह बनाकर सूबे का मान बढ़ाया है। हिमाचल के डीजीपी आईपीएस अधिकारी संजय कुंडू और ऊना के डीसी आईएएस अधिकारी राघव शर्मा को वर्ष 2022 में नौकरशाही में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले 22 चेंज एजेंटों में शामिल किया गया है। ब्यूरोक्रेट्स इंडिया संस्था समाज में बदलाव लाने वाले 22 आईएएस व आईपीएस अशिकारियों को 22 चेंज एजेंट ऑफ-2022 नामक पुरस्कार से नवाजेगी। इन अधिकारियों की वर्ष 2022 में शानदार कार्यशैली देखने को मिली है। 


आईपीएस संजय कुंडू 


वर्ष 2022 में पुलिस विभाग में बेहतरीन बदलाव लाने के लिए संजय कुंडू को इस पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। ब्यूरोक्रेट्स इंडिया की ओर से डीजीपी संजय कुंडू के नाम लिखे नोट में कहा गया है कि वह 1989 के एक शानदार आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्हें पुलिसिंग और प्रशासनिक अनुभवों का मिश्रण होने का अनूठा गौरव प्राप्त है।


मई 2020 में हिमाचल के पुलिस महानिदेश बने संजय कुंडू ने न्यूयॉर्क पुलिस विभाग के प्रसिद्ध ब्रोकन विंडो थियोरी मॉडल का अनुसरण करते हुए पुलिसिंग में व्यापक सुधार पेश किए हैं। न्यूयॉर्क पुलिस की कार्यशैली व तकनीक पर काम करते हुए उन्होंने हिमाचल में आपराधिक मामले सुलझाने की दिशा में शानदार काम किया। बाहरी राज्यों से नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने में भी उनका सराहनीय कार्य रहा। 

उनके मार्गदर्शन में राज्य भर में लगभग 50 हज़ार सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। संजय कुंडू ने हिमाचल में अपराध की जांच के लिए एविडेंस बेस्ड एंड प्रिडिक्टिव पुलिसिंग का मॉडल भी शुरू किया। उनकी इस पहल से अपराध दर में 30 प्रतिशत की गिरावट आई और सभी जघन्य अपराध रुक गए। 


संजय कुंडू के कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश ने लगातार तीन वर्षों तक सीसीटीएनएस-क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स में प्रथम स्थान बरकरार रखा है। उनकी अगुवाई में हिमाचल प्रदेश पुलिस को प्रेजिडेंट कलर अवार्ड से नवाजा गया। यह उपलब्धि हासिल करने वाला हिमाचल देश का 8वां राज्य बना। 


संजय कुंडू ने यूनाइटेड नेशनल के तहत सूडान में उप पुलिस आयुक्त के रूप में भी काम किया है। संजय कुंडू केंद्र में प्रतिनियुक्ति के रूप में जल संसाधन विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में एक कार्यकाल के अलावा, हिमाचल में कराधान, उत्पाद शुल्क और सतर्कता सहित अन्य महत्वपूर्ण प्रशासनिक विभागों का भी जिम्मा सम्भाल चुके हैं। डीजीपी बनने से पहले वह पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के प्रधान निजी सचिव भी रहे हैं।


आईएएस राघव शर्मा ने ऊना जिला में दिखाई अपनी जबरजस्त प्रशासनिक क्षमता


2013 बैच के आईएएस राघव शर्मा ने अक्टूबर 2020 में ऊना के डीसी की कमान संभाली। उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमता से जिले में सामाजिक ढांचे में जबरस्त सुधार लाने की दिशा में काम किया। 


राजस्थान की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जोधपुर से कानून में स्नातक राघव शर्मा को महिलाओं और बच्चों के लिए अपनी अनूठी पहल के लिए जाना जाता है। ऊना के डीसी के तौर पर जनहित में उन्होंने कई उल्लेखनीय कार्य किये हैं। उन्होंने हर उप-मंडल में पुस्तकालयों का निर्माण शुरू किया जहां छात्र पढ़ सकते हैं और यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं। वर्ष 2022 में 30 छात्रों की क्षमता वाले कुल छह पुस्तकालय बनाए गए। उन्होंने प्रवासी मजदूरों के बच्चों के लिए बने गैर-आवासीय प्रशिक्षण स्कूलों को भी बदल दिया। पिछले साल कुल 3 प्रशिक्षण स्कूल बनाए गए हैं। इन केंद्रों से पहले छात्र खुले में पढ़ाई करते थे। हालाँकि अब वे खूबसूरती से डिज़ाइन किए गए हैं और उनमें शौचालय, बिजली और पानी के कनेक्शन जैसी बुनियादी सुविधाएँ हैं। ये केंद्र स्लम क्षेत्रों के बच्चों को आसपास के स्कूलों में मुख्यधारा की शिक्षा में शामिल होने में मदद करते हैं। उनका लक्ष्य 10 और केंद्र बनाने का है। उनकी एक अन्य पहल फसल विविधीकरण सुनिश्चित करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए जिले में ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देना है। उन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती और इसके लाभों के बारे में शिक्षित करने के लिए 2021 में प्रगतिशील किसानों के लिए एक कार्यशाला शुरू की। 


राघव शर्मा की अगुवाई में जिला प्रशासन ने ड्रैगन फ्रूट की खेती को मनरेगा के तहत एक गतिविधि के रूप में जोड़ा। उन्होंने किसानों के लिए वृक्षारोपण और ट्रेलिस प्रणाली की लागत को वित्त पोषित किया। मनरेगा के तहत 2022 में 5000 से अधिक ड्रैगन फ्रूट सैंपलिंग लगाए गए थे और कई किसानों ने अपनी लागत पर भी उत्पादन किया है। उनके मागर्दर्शन में 2023 में ऊना जिला विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित बागवानी विकास कार्यक्रम के तहत ड्रैगन फ्रूट प्रोसेसिंग फैक्ट्री के लिए चुना जाने वाला पहला जिला बन गया।


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